मुझे आज रात को नींद नही आ रही है,
क्योंकि कल मेरी बेटी आध्या आ रही है |
आदत नही है मुझे ऐसे इंतज़ार करने की,
फिर भी घड़ी बार-बार समय दिखा रही है |
खुली आंखोसे जब सोने का प्रयास करता हू,
तो ख्वाब में आके पापा-पापा बुला रही है |
बहुत व्यस्त हो गया था काम में कुछ दिन,
शायद इसीलिए वो चुपके से चिल्ला रही है |
छोटी सी है जिंदगी, और वो उस से भी छोटी,
यही अहेसाँस, वो क्यूँ बार बार दिला रही है ?
बन गयी है प्राथमिकता जीवन कि अब वो,
मुझे हर पल अपने आप से मिला रही है ||
मुझे आज रात को नींद नही आ रही है,
क्योंकि कल मेरी बेटी आध्या आ रही है |