इन हवाओ, इन घटाओ को में कुछ भला कह दू ,
ये बारिस तू थमजा, में बात दिलकी जरा कह दू !!
ये बिजलिया है या किसी कमसीन आंखोकी शरारते,
तू मुस्कुरा दे जरा , में हाल ऐ दिल सारा कह दू !!
ये ख़ामोशी गुन गुना रही है बादलो की गरज में,
तेरे होठो में दबे हुए लब्जोको गीत में पूरा कह दू !!
ये बहते हुए पानी में कहीं बह रहा है प्यारका समंदर,
तू आँचल में समाले मुजे, आंसुओको अलविदा कह दू!!
ये शीतल है पवन, या मनकी शीतलता का असर,
इन मदहोश हवाओकी आगोशमें सांसोकी जुबा कह दू !!
काश पहुँच जाये तुज तक मेरे ये हसीं दिल के तराने,
उसी उम्मीद में आज मेरी ग़ज़ल को तेरा पता कह दू !!